Rich Dad Poor Dad in Hindi

Rich Dad Poor Dad in Hindi

Rich Dad Poor Dad in Hindi

Hindi Translation of Rich Dad and Poor Dad

अंग्रेजी भाषा में लिखी गई पुस्तक Rich Dad Poor Dad  है, जिसका हिन्दी अनुवाद डॉ. सुधीर दीक्षित द्वारा किया गया है। इस पुस्तक में ऐसा क्या है जो सभी युवावर्ग को अवश्य पढ़नी चाहिए।

The writer is Robert T Kiyosaki who gives here tips on how to become rich…Rich Dad Poor Dad in Hindi

About the Author

रॉबर्ट टी कियोसाकी ने रिच डैड पुअर डैड पुस्तक लिखा है। वे इस पुस्तक के जरिये लोगों को धनी बनने के गुर सिखाते हैं।  8 अप्रैल 1947 को अमेरिका के हुवाई में इनका जन्म हुआ था। न्यूयॉर्क सिटी में इन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की। इन्होंने सबसे पहले एस मैरीन कॉर्प्स के ऑफिसर तथा हैलीकॉप्टर गनशिप पायलट के रूप में वियतनाम में काम किया था। बाद में अपनी ही एक इंटरनेशनल कम्पनी की शुरूआत किया जिसके माध्यम से लोगों को इन्वेस्ट करने तथा बिजनेस के गुर सिखाने का प्रयास किया। लेखक ने फाइनेंस मैनेजमेंट से संबंधित कई पुस्तकें लिखी हैं। 

रॉबर्ट स्वयं एक अमेरिकी बिजनेसमैन, राइटर, मोटिवेशनल स्पीकर तथा इन्वेस्टर है। कहां और कैसे इन्वेस्ट किया जाए, जिससे आदमी अमीर बन सके, इसकी जानकारी इस पुस्तक में देने का प्रयास किया गया है। 

 About the book

जब रॉबर्ट स्कूल में पढ़ते थे तो उनके कुछ धनी सहपाठी उनकी उपेक्षा करते क्योंकि वे गरीब बच्चे थे। रॉबर्ट घर जाकर अपने पिता से धनी बनने के लिए उपाय पूछते हैं। पिता उन्हें कहते हैं कि मेहनत करो। फिर वह माइक के पिता से मिलता है, जो उन्हें पैसों के कमाने और सही इन्वेस्टमेंट की सलाह देते हैं। यहीं से उनका रूझान फिनान्स और इन्वेस्टमेन्ट की ओर होता है।

Rich Dad Poor Dad in Hindi pdf

Rich Dad Poor Dad Summary in Hindi

संक्षेप में हम Rich Dad Poor Dad की कहानी सुनते हैं रॉबर्ट की जुबानी-

मेरे दो पिता थे। जो गरीब पिता थे, वे मेरे सगे पिता थे। और जो अमीर पिता थे, वे मेरे दोस्त माइक के पिता थे, जिन्हें मैं अपने पिता की तरह ही मानता था। दोनों पिता मुझे सलाह देते। मेरे अपने पिता मुझसे कहते, मेहनत करो, पैसों के पीछे मत भागो। सारी बुराइयों की जड़ पैसा होता है। जबकि धनी पिता कहते, सारी बुराइयों का जड़ गरीब होना है, पैसे का अभाव होना है।

दोनों ही पिता बहुत मेहनती थी। मेरे सगे पिता ने खूब पढ़ाई की थी, ऊंची डिग्रियां हासिल की थी, परंतु धनी पिता आठवीं कक्षा तक पढ़ाई करके आगे की पढ़ाई छोड़ दिया था। सगे पिता का विचार था कि खूब मेहनत से पढ़ो अच्छी डिग्री हासिल करो करो और अच्छे जॉब पाकर अच्छा वेतन पाओ। जबकि धनी पिता का विचार था कि पैसे कमाने के लिए बिजनेस मैनेजमेंट की ओर ध्यान दो, आस पास क्या हो रहा है, उस पर ध्यान दो, इन्वेस्ट करो और मजे से कमाओ।

दोनों डैडी की बातों को मैं ध्यान से सुनता। परंतु दोनों के विचारों में अंतर देखकर मैं काफी सोच में पड़ा रहता कि ऐसा इन्होंने क्यों कहा। 

Rich Dad Poor Dad in Hindi

धन कैसे कमाया जाए। ये स्कूलों में नहीं, परिवारों में ही सिखाया जाता है। स्कूलों में तो सबों को एक सी शिक्षा दी जाती है। यही कारण है कि धनी लोग और धनी तथा गरीब और गरीब तथा मिडिल क्लास कर्ज में डुबा रहता है। स्कूल में एकेडेमिक और प्रोफेशनल स्कील पर जोर दिया जाता है, न कि पैसों को कमाने के स्कील्स पर। शायद यही कारण है कि पढ़े लिखे और इमोनोमिक पॉलिसी बनाने वाले ऑफिसर ही पैसों की तंगी तथा देश को भी आर्थिक रूप से पिछड़ा बना देत हैं, जो अपने जीवन यापन के लिए देश की आर्थिक स्थिति पर निर्भर हैं, तथा मेडिक्लेम वगैरह तथा सरकारी सुविधा प्राप्त करके ही अपना जीवन यापन कर सकते हैं। जबकि होना चाहिए कि हम फाइनेंसिशयल इंडिपेंडेंट हों। सरकार को हम मदद करें, अपने देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहयोग प्रदान करें।

How to Earn Money

पैसों के कमाने तथा इन्वेस्ट की शिक्षा न तो मिडिल क्लास फैमिली और न ही गरीबी से जूझ रहे परिवार दे सकते हैं, न ही स्कूली शिक्षा। मैंने तो अपने दोनों पिता से शिक्षा ली और जान पाया कि दोनों के विचारों में अंतर कहां है और कौन सफल है।

मेरे डैडी कहते थे कि मैं इसे नहीं खरीद सकता। यह सिम्पल सी बात है। यह नेगेटिव विचार देती है। जबकि दूसरे डैडी जोर देकर कहते कि मैं इसे कैसे नहीं खरीद सकता हूं। और यहीं पर विचार मंथन शुरू होता। यह पॉजीटिव है। उनके अनुसार हमारा दिमाग सुपर कम्प्युटर है जो हर रोज तेज होता जाता है। जितना यह तेज होता जाता है उतना अधिक पैसे मैं कमा सकता हूं। यह मान लेना कि मैं इसे नहीं खरीद सकता, यह दिमागी आलस्य है। 

Rich Dad Poor Dad Conclusion

परिणाम यह हुआ कि एक डैडी धनी होते गए और दूसरे गरीब होते गए। आलस्य से सेहत और पैसा दोनों का नुकसान होता है। गरीब डॅडी सोचते कि अमीरों को ज्यादा टैक्स देना चाहिए, ताकि गरीबों को कुछ मिल सके। जबकि दूसरे डैडी का विचार था कि टैक्स उन लोगों को सजा देता है, जो कुछ उत्पादन कर रहे हैं, और जो कुछ नहीं कर रहे हैं, उन्हें कमजोर बना रही है।

Rich Dad Poor Dad in English

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